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प्रयागराज 03 अप्रैल 2023। उमेश पाल हत्याकांड में शामिल शूटरों की क्रेटा कार में राइफल रखने वाले माफिया अतीक अहमद के भरोसेमंद नौकर को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है। उसके पास से तमंचा, दो कारतूस भी बरामद हुआ। पूछताछ में उसने कई राज कबूले हैं। हत्या के बाद अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन ने उसे 50 हजार रुपये भी दिए थे, जिसे उसने शूटर अरमान के भाई तक पहुंचाया था। अतीक के इस भरोसेमंद नौकर से मिली जानकारी के आधार पर जांच एजेंसियां शूटरों तक पहुंचने की कोशिश में जुटी हैं। धूमनगंज पुलिस को मुखबिर के जरिए सूचना मिली कि उमेश पाल हत्याकांड में शामिल अतीक का नौकर शेरवानी मोड़ से होकर सूबेदारगंज की तरफ जा रहा है। जानकारी मिलने के बाद प्रभारी निरीक्षक अनिल कुमार सिंह ने उच्चाधिकारियों को जानकारी दी और फोर्स के साथ घेराबंदी कर ली।
चौफटका पुल से आगे शेरवानी मोड़ के पास सूबेदारगंज रोड पर डबल खंभा के पास तलाशी ली जाने लगी। उसी दौरान सामने से पैदल जा रहे व्यक्ति को दौड़ाकर पकड़ लिया गया। पूछताछ में उसने अपना नाम सारूप उर्फ शारूख पुत्र शमशेर निवासी पंडीरी , थाना करारी, जिला कौशाम्बी बताया।
वह चकिया में अतीक के श्वसुर से मिलकर वापस जा रहा था। तलाशी के दौरान उसके पास से 315 बोर का तमंचा और दो कारतूस मिला। इसके अलावा एक मोबाइल, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, आधार कार्ड भी उसके पास पाया गया। पूछताछ के दौरान उसके अतीक का नौकर होने की बात स्वीकार की।
क्रेटा कार में नौकर ने ही रखी थी राइफल
एसटीएफ के अफसरों से पूछताछ में शारूख ने बताया कि 24 फरवरी को चकिया से निकलने से पहले असद के कहने पर क्रेटा कार में उसने ही राइफल लाकर रखी थी। उसी क्रेटा कार में असद के साथ साबिर, अरबाज बैठकर निकले थे।
शाइस्ता परवीन ने उसे 50 हजार रुपये दिए थे
इनके अलावा एक मोटरसाइकिल से गुड्डू मुस्लिम और अरमान थे और दूसरी मोटरसाइकिल से विजय चौधरी व गुलाम हसन निकले थे। उमेश की हत्या के लिए सभी सात शूटरों को रवाना करते समय शाइस्ता परवीन, राकेश और अन्य नौकर भी वहां मौजूद थे। शारूख ने एसटीएफ को बताया कि हत्याकांड को अंजाम देने के बाद असद के कहने पर शाइस्ता परवीन ने उसे 50 हजार रुपये दिए थे। उस रुपये को असद के कहने पर उसने शूटर अरमान के भाई को ले जाकर दिया था।
चकिया में कई बार उमेश की हत्या की बनी थी योजना
अतीक के नौकर शारूख ने एसटीएफ को कई अहम जानकारियां दी हैं। उसने बताया है कि उमेश पाल की हत्या के बाद सभी शूटर चकिया में आए थे। फिर वहीं से एक-एक कर भाग निकले। शारूख ने एसटीएफ को बताया कि उमेश पाल की हत्या की योजना इससे पहले भी कई बार बन चुकी थी, लेकिन कामयाबी नहीं मिल सकी और वह बच निकला था।