डीएलसीसी की बैठक मेें विभागवार प्रगति की समीक्षा की गई
इंडिया रिपोर्टर लाइव
बिलासपुर 28 दिसम्बर 2020। कलेक्टर डॉ सारांश मित्तर की अध्यक्षता में आज यहां जिला पंचायत सभाकक्ष में जिला स्तरीय परामर्शदात्री समिति (डीएलसीसी) की बैठक संपन्न हुई। बैठक में डॉ. मित्तर ने ऋण एवं उससे संबंधित प्राथमिकता क्षेत्र वाले प्रकरणों की स्वीकृति अविलम्ब करने के निर्देश सभी बैंकर्स को दिए। साथ ही उन्होंने कहा कि यदि किसी प्रकार की तकनीकी अथवा व्यावहारिक त्रुटि हो तो उसे दूर करने संबंधित विभाग से समन्वय स्थापित करें लेकिन प्रकरणांे की स्वीकृति में विलम्ब न हो।
जिला पंचायत सभाकक्ष में आयोजित बैठक में कलेक्टर ने विभिन्न योजनाओं की प्रगति की बैंकवार समीक्षा करते हुए कहा कि शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन में भी बैंकों की अहम भूमिका होनी चाहिए। उन्हें लक्ष्य के अनुरूप ऋण वितरण की कार्यवाही करनी चाहिए। बैठक मंे लीड बैंक मैनेजर ने जानकारी दी कि बिलासपुर जिले में 37 बैंकों की कुल 219 शाखाएं है। जिनमें शहरी शाखाएं 103, अर्ध शहरी 23 एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 92 शाखाएं कार्यरत है। कृषि क्षेत्र एवं कुल प्राथमिकता क्षेत्र में कम उपलब्धि वाले बैंकों के अधिकारियों को कलेक्टर ने बेहतर प्रदर्शन करने के लिए निर्देशित किया। लीड बैंक मैनेजर ने बताया कि प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत 1 लाख 24 हजार 823, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत 3 लाख 84 हजार 756 एवं अटल पेंशन योजना में 24 हजार 875 हितग्राहियों के खाते खोले गये हैं। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत 2020-21 का लक्ष्य 93 एवं वित्तीय लक्ष्य 2 करोड़ 80 लाख है। ग्रामीण स्वरोजगार एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम (आरसेटी) में 199 युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया है।
बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी गजेन्द्र सिंह ठाकुर ने विभागीय ऋण प्रकरणों की समीक्षा बैंकवार की। उन्होंने एन.आर.एल.एम एवं एन.एल.यू.एम की लंबित प्रकरणों के कारण पर भी समीक्षा करते हुए जनवरी माह के अंत तक प्रकरण स्वीकृत करने पर जोर दिया। इसके अलावा उद्योग विभाग, अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति, खादी ग्राम उद्योग में संचालित विभिन्न हितग्राही मूलक योजनाओं के ऋण प्रकरणों की प्रगति की समीक्षा करते हुए लंबित प्रकरणोां को अविलम्ब स्वीकृत करने के लिए विभागों से परस्पर समन्वय स्थापित करने की बात कही।
बैठक में लीड बैंक मैनेजर, विभागीय अधिकारी एवं अन्य बैंकों के प्रबंधक मौजूद थे।