इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 25 दिसंबर 2023। पहले लाल सागर और फिर अरब सागर में जहाजों पर ड्रोन हमलों के बाद भारत पूरी तरह सतर्क हो गया है। भारतीय नौसेना दक्षिणी लाल सागर में हुए ड्रोन हमले से बिगड़े हालात पर करीब से नजर बनाए हुए है। नाम न जाहिर करने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि एमवी प्लूटो के मुंबई पहुंचने से पहले ही नौसेना ने इस हमले की विस्तृत जांच शुरू कर दी है। आईएनएस मोरमुगाओ को ड्रोन हमले वाली जगह भेजा गया है। वहीं, समुद्र निगरानी विमान को संबंधित क्षेत्र में नियमित निगरानी के लिए भेजा गया। आईएनएस मोरमुगाओ रडार से बचने में सक्षम गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर श्रेणी का युद्धपोत है। यह हमले से जुड़ी विस्तृत जानकारियों का विश्लेषण करेगा। नौसेना की पड़ताल का केंद्र वही जगह होगी, जहां से हमला किया गया। यह भी पुष्टि की जाएगी कि हमला लंबी दूरी की मिसाइल से हुआ है या फिर जहाज के पास मौजूद किसी अन्य जहाज के जरिये।
सूत्रों के मुताबिक, समुद्र निगरानी विमान को संबंधित क्षेत्र में नियमित निगरानी के लिए भेजा गया, जो 23 दिसंबर को दोपहर 01:15 बजे एमवी प्लूटो के ऊपर से गुजरा और इसके क्रू सदस्यों से संपर्क किया। बता दें कि इन हमलों के पीछे हूती आतंकियों का हाथ बताया जा रहा है। उन्होंने लाल सागर से होकर जाने वाले इस्राइली जहाजों को निशाना बनाने की चेेतावनी दी थी। हालांकि, फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि हमलों के पीछे वास्तव में किसका हाथ है। जांच के लिए भेजे गए युद्धपोत से जानकारी मिलने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।
17 अक्तूबर से अब तक 15 हमले
17 अक्तूबर से अब तक संबंधित क्षेत्र में 14 से 15 ड्रोन हमले हो चुके हैं। इन सभी का लक्ष्य व्यावसायिक जहाज थे। सभी ड्रोन हूती आतंकियों ने भेजे थे। 23 दिसंबर हूती आतंकियों ने दो एंटी-शिप बैलिस्टिक मिसाइलें दागी थीं। इनका लक्ष्य दक्षिणी लाल सागर में अंतरराष्ट्रीय शिपिंग मार्ग था। हालांकि, यह किसी जहाज पर नहीं गिरीं।
बेहद संवेदनशील मामला नौसेना के एक अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि यह बेहद संवेदनशील मामला बन चुका है। लगातार दूसरे दिन भारत की ओर आ रहे एक जहाज पर हमले के बाद पूरी सजगता बरती जा रही है। नौसेना अपनी जांच में हमले की उत्पत्ति वाली जगह की पहचान करने पर जोर देगी।
एमवी प्लूटो की जांच करेगी विस्फोट निस्तारण यूनिट
सूत्रों ने बताया कि एमवी प्लूटो के मुंबई पोर्ट पर पहुंचने के बाद नौसेना की विस्फोटक आयुध निस्तारण (ईओडी) यूनिट इसकी जांच करेंगी। देश की सभी सामुद्रिक एजेंसियों को उपलब्ध नई सूचनाएं भेजी जा रही हैं, ताकि उन्हें जरूरी मदद भेज सकें।
आईसीजीएस विक्रम की सुरक्षा में एमवी प्लूटो की हो रही वापसी
सूत्रों के अनुसार, शनिवार को हमले के शिकार बने एमवी प्लूटो को मुंबई के लिए रवाना किया गया है। भारतीय तट रक्षक जहाज आईसीजीएस विक्रम इसके साथ है, जो इसकी सुरक्षा कर रहा है। इन दोनों के सोमवार तक मुंबई पहुंचने की संभावना है। हमले में एमवी प्लूटो की बिजली उत्पादन प्रणाली को नुकसान हुआ, जिसे सुधारा जा रहा है। इसमें संचालन संबंधी भी कुछ गड़बड़ी हो रही है, इसलिए भी इसे मदद दी जा रही है।
यह जहाज 19 दिसंबर को सऊदी अरब के अल जुबैल पोर्ट से रवाना हुआ था। इसे सोमवार तक भारत के न्यू मंगलौर पोर्ट पहुंचना था। भारतीय तट रक्षक संचालन केंद्र हालात पर करीब से नजर रखे हुए है। तटरक्षकों के डोनियर विमान ने क्षेत्र को सुरक्षित बनाते हुए एमवी प्लूटो से संपर्क साधा है।
पाकिस्तान उठाना चाहेगा फायदा
जहाजों पर ड्रोन हमले सुरक्षा के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं। रक्षा विशेषज्ञ विंग कमांडर (सेवानिवृत्त) प्रफुल्ल बख्शी ने रविवार को यह बात कही। उन्होंने कहा कि ये घटनाएं देश की सुरक्षा से जुड़ी चिंताएं बढ़ा रही हैं। यह क्षेत्र उपमहाद्वीप का विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (ईईजी) है, पोरबंदर तट के निकट है, कई भारतीय जहाज यहां से गुजरते हैं।
बख्शी ने कहा कि इस क्षेत्र के एक ओर पाकिस्तान भी है। वह इन तनाव भरे हालात का फायदा उठाना चाहेगा, यानी और घटनाएं हो सकती हैं। बख्शी के अनुसार, सेना को किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए। आमतौर पर सुरक्षित कहे जाने वाले क्षेत्र में यह हमले हो रहे हैं। इनकी जद में पूरी दुनिया के जहाज हैं। यह हैरानी की बात है। संकेत है कि इस्राइल-गाजा में जारी युद्ध के बीच लाल सागर के इस क्षेत्र में भी कार्रवाई हो सकती है। बख्शी के अनुसार, शनिवार को हुई घटना एक मिसाइल हमला थी, लेकिन अब बताया गया कि हमला ड्रोन से हुआ। हालांकि, यह मायने नहीं रखता। अहम सवाल यह है कि इस हमले के बाद क्षेत्र अब सुरक्षित नहीं कहा जा सकता।