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पटना 17 अक्टूबर 2023। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सरकार को विधानसभा सत्र का इंतजार किए बिना प्रत्येक वार्ड के जातीय सर्वे की रिपोर्ट जारी करनी चाहिए, ताकि सच सामने आए। मोदी ने कहा कि जब सर्वे के आंकड़ों पर सवाल उठ रहे हैं और कई जातियां ठगा हुआ महसूस कर रही हैं, तब वार्ड-वार आंकड़ों का प्रकाशन ही संदेह दूर कर सकता है। इसे जारी करना आसान है क्योंकि अब आंकड़ों का विश्लेषण नहीं करना है। सुशील मोदी ने कहा कि राजद, जदयू जैसे सत्तारूढ़ दलों को जातीय सर्वे के वार्ड-वार आंकड़े चुपचाप उपलब्ध करा दिए गए हैं, ताकि वे इसके आधार पर चुनावी रणनीति बनाए जा सकें। उन्होंने कहा कि जातीय सर्वे-2022 के अनुसार बिहार में कोड-22 के अन्तर्गत किन्नर/हिंजड़ा/थर्ड जेंडर की संख्या 825 है, जबकि 2011 की जनगणना रिपोर्ट में बिहार के किन्नर/हिंदड़ा समुदाय की आबादी 40,827 बताई गई थी। उन्होंने कहा कि क्या यह आंकडों में गड़बड़ी का प्रमाण नहीं है? क्या 11 साल में इनकी संख्या बढ़ने की बजाय 40 हजार कम हो गई?
भाजपा सांसद ने कहा कि बिहार में जातीय सर्वे कराने का निर्णय भाजपा के सरकार में रहते हुआ था, पार्टी का समर्थन था, लेकिन इसका यह अर्थ नहीं कि हम तथ्यों के आधार पर सर्वे की त्रुटियों-विसंगतियों पर कोई सवाल न उठाएं।