इंडिया रिपोर्टर लाइव
यरुशलम 12 फरवरी 2024। इस्राइली सेना ने गाजा पट्टी के राफा में ऑपरेशन शुरू कर दिया है। सेना ने सोमवार तड़के एलान किया की सात अक्तूबर के हमलों के दौरान हमास द्वारा बंधक बनाए गए दो लोगों को बचा लिया गया है। सेना ने बयान में कहा, ‘एक संयुक्त आईडीएफ (सेना), आईएसए (शिन बेट सुरक्षा एजेंसी) और राफा में इस्राइल पुलिस के अभियान के दौरान रात में दो इस्राइली बंधकों को बचा लिया गया। इनकी पहचान 60 वर्षीय फर्नांडो साइमन मार्मन और 70 साल के लुई हर के रूप में हुई है। इन लोगों का हमास ने किबुतज नीर यित्जाक से अपहरण कर लिया था। बताया गया है कि दोनों बंधकों की हालत ठीक है। उन्हें शेबा तेल हाशोमर अस्पताल में चिकित्सा परीक्षण के लिए भेज दिया गया है।
चार महीने से ज्यादा समय युद्ध जारी
इस्राइल और हमास के बीच पिछले साल सात अक्तूबर को युद्ध शुरू हुआ था। हमास के हमलों में करीब 1,200 इस्राइली नागरिक मारे गए थे। जबकि, 250 इस्राइलियों को बंधक बना लिया गया था। इनमें से अब भी 130 बंधक हैं, जिनमें से 29 लोगों के मारे जाने की आशंका है। इसके बाद इस्राइल ने युद्ध का एलान किया और हमास पर पलटवार किया। इस युद्ध में 26 हजार से ज्यादा फलस्तीनी मारे जा चुके हैं। इस्राइल ने गाजा में लगातार हमलों का जवाब दिया, जिसके बारे में क्षेत्र के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि कम से कम 28,176 लोग मारे गए हैं, जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं।
गाजा के तेरह लाख लोग रह रहे
राफा दक्षिण गाजा पट्टी का शहर है। जहां अभी गाजा के तेरह लाख लोग रह रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के मुताबिक, इस शहर में ज्यादातर वे लोग रह रहे हैं, जो गाजा के अन्य हिस्सों से निकाले गए हैं। नेतन्याहू ने पहले इस शहर को हमास के आतंकवादियों का आखिरी गढ़ बताया था।
गाजा में यूएन मुख्यालय के नीचे हमास की सुरंग…
इससे पहले, इस्राइली सुरक्षा बलों ने सैकड़ों मीटर लंबे व आंशिक रूप से यूएनआरडब्ल्यूए के गाजा मुख्यालय के नीचे से गुजर रहे एक सुरंग नेटवर्क का पता लगाने का दावा किया है। सुरक्षा बलों ने आरोप लगाया कि हमास फलस्तीनियों की मदद के लिए गठित संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी का दुरुपयोग कर रहा है। सेना के इंजीनियरों ने विदेशी समाचार संस्थानों के पत्रकारों को उस सुरंग को भी दिखाया। इस्राइली सेना ने यह दावा ऐसे समय में किया है, जब संयुक्त राष्ट्र की सहायता एजेंसी पर उसके कर्मचारियों के इस्राइल के खिलाफ युद्ध में शामिल होने के आरोप लगे हैं। इस्राइल की इस आशय रिपोर्ट के बाद अमेरिका समेत करीब दर्जनभर देशों ने यूएनआरडब्ल्यूए को दी जाने वाली सहायता रोक दी है।