इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली : वित्तीय संकट से जूझ रही सरकारी टेलीकॉम कंपनी के लिए केंद्र सरकार की तरफ से राहत की खबर आई है. भारत संचार निगम लिमिटेड और महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड के 15000 करोड़ रुपये के रिवाइवल प्लान को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है. कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद का कहना है कि बीएसएनएल और एमटीएनएल को बंद नहीं किया जा रहा है. साथ ही, इसे बेचने का भी कोई प्लान नहीं है. सरकार इसे प्रतिस्पर्धी बनाना चाहती है. इसीलिए 15000 करोड़ रुपये का सॉवरेन बांड बनाया जायेगा. पहले की सरकारों ने बीएसएनएल के साथ बहुत नाइंसाफी की है. अगले 4 साल में 38000 करोड़ रुपये को मोनेटाइज करेंगे.
कर्मचारियों के लिए VRS की घोषणा- रविशंकर प्रसाद का कहना है कि लुभावना वीआरएस पैकेज लेकर आ रहे हैं. कर्मचारी संगठनों ने भी इसकी सराहना की है. अगर किसी कर्मचारी की उम्र 53 साल है तो 60 साल तक उसे 125 फीसदी वेतन मिलेगा. वीआरएस का मतलब है स्वेच्छा से बलपूर्वक नहीं. अन्य टेलिकॉम कंपनियां का खर्चा मानव संसाधन पर केवल 5 फीसदी है, लेकिन इन दोनों कंपनियों का 70 फीसदी है.
अब क्या होगा- केंद्रीय मंत्री ने कहा कि BSNL और MTNL का मर्जर होने में कुछ समय लगेगा. तब तक MTNL BSNL की सब्सिडियरी के रूप में काम करेगी. इससे 2 साल बाद बीएसएनएल को मुनाफे में लाया जा सकेगा.
दिवाली से पहले कर्मचारियों को मिल सकती है सैलरी- कर्मचारियों की सितंबर माह की सैलरी को लेकर BSNL के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर पीके पुरवर ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि दिवाली (Diwali Festival) से पहले कंपनी अपने संसाधनों के जरिये कर्मचारियों को वेतन देगी.
सर्विसेस के जरिए हर महीने कंपनी को 1,600 करोड़ रुपये की आमदनी होती है. वहीं, सैलरी का खर्च 850 करोड़ रुपये है. लेकिन कंपनी का ऑपरेशनल खर्च काफी ज्यादा है. टेलीकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) को वित्त वर्ष 2019 में 13,804 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था.