कोविड महामारी से उभर रही दुनिया के सामने नया संकट, चीन में तेजी से फैल रही यह रहस्यमयी बीमारी

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इंडिया रिपोर्टर लाइव

बीजिंग 23 नवंबर 2023। चीन में अभी भी कोरोना वायरस के मामलों से जूझ रहा हैं। इस बीच, यहां एक और बीमारी तेजी से फैल रही है। यहां के स्कूलों में रहस्यमयी निमोनिया का प्रकोप फैल रहा है। इससे अस्पतालों में भर्ती हो रहे बच्चों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। यह चिंताजनक स्थिति कोविड संकट के शुरुआती दिनों की याद दिलाती है। मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा देखकर स्वास्थ्य अधिकारियों में चिंता पैदा हो गई है। इस बीमारी से अधिकतर बच्चे शिकार हो रहे हैं। 

स्कूल बंद होने वाले हैं… 
500 मील उत्तर-पूर्व में बीजिंग और लियाओनिंग के अस्पतालों में अचानक से बीमार बच्चों के भर्ती होने की संख्या में इजाफा हुआ है। यहां स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि ज्यादा भर्ती मरीजों से अस्पताल के संसाधनों पर अत्यधिक दबाव बड़ रहा है। मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि प्रकोप के कारण स्कूल बंद होने वाले हैं।

इस रहस्यमयी बीमारी के लक्षण
1. बच्चों के फेफड़ों में सूजन
2. तेज बुखार समेत कई असामन्य लक्षण पाए गए हैं। हालांकि,  इससे प्रभावित बच्चों में खांसी, फ्लू, आरएसवी और सांस की बीमारी से जुड़े अन्य लक्षण नहीं पा जा रहे हैं। 

डब्ल्यूएचओ ने मांगी जानकारी
वहीं, न्यूमोनिया के बढ़ते खतरे पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि सांस की इस बीमारी के जोखिम को कम करने के लिए लोग तमाम तरह के दिशा-निर्देशों का पालन करें। साथ ही डब्ल्यूएचओ ने बच्चों में निमोनिया के क्लस्टर पर विस्तृत जानकारी के लिए चीन से ज्यादा जानकारी देने के लिए आधिकारिक अनुरोध किया है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि अक्तूबर के मध्य से उत्तरी चीन में पिछले तीन सालों की इसी अवधि की तुलना में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी में वृद्धि दर्ज की गई है।
 
 बीमारी बदल सकती है महामारी में
ओपन-एक्सेस सर्विलांस प्लेटफॉर्म प्रोमेड ने चीन में फैल रहे इस न्यूमोनिया पर कहा है कि खासतौर से बच्चों को प्रभावित करने वाली ये बीमारी एक महामारी में भी बदल सकती है। दिसंबर 2019 के अंत में जारी एक प्रोमेड अलर्ट ने एक नए वायरस के बारे में एक चेतावनी दी थी। इसे बाद में सार्स-सीओवी-2 के रूप में पहचाना गया। प्रोमेड ने कहा कि यह रिपोर्ट एक अज्ञात सांस की बीमारी के व्यापक प्रकोप की चेतावनी देती है। यह बिल्कुल स्पष्ट नहीं है कि यह प्रकोप कब शुरू हुआ। पर इतने सारे बच्चों का इतनी जल्दी प्रभावित होना सामान्य बात नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया कि यह अनुमान लगाना जल्दबाजी होगी कि क्या यह एक और महामारी हो सकती है, लेकिन हमें अभी से सावधानी बरतनी चाहिए।

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